भारत में प्रॉपर्टी खरीदना आपकी सबसे बड़ी आर्थिक निवेश योजनाओं में से एक है। नीचे दी गई 12 जाँचें अपनाकर आप धोखाधड़ी और भविष्य के कानूनी जोखिमों से बच सकते हैं।
1. ज़मीन के उपयोग (Land Use) की जाँच
सुनिश्चित करें कि ज़मीन गैर‑कृषि (Non‑Agricultural) घोषित है और मास्टर प्लान में आवासीय उपयोग के लिए अनुमोदित है। कृषि भूमि पर घर बनाने से कानूनी पचड़े हो सकते हैं।
2. पंजीकृत विक्रय विलेख (Registered Sale Deed)
यह स्वामित्व का मुख्य प्रमाण है। सब‑रजिस्ट्रार से सत्यापित (Certified) कॉपी लें और वकील से रिपोर्ट बनवाएँ।
3. मदर डीड और 30 साल की टाइटल जाँच
कम से कम 30 वर्षों की टाइटल चेन देखें ताकि पुराने दावे और विवादों का पता चल सके।
4. भार‑मुक्ति प्रमाण पत्र (Encumbrance Certificate – EC)
EC से पता चलता है कि संपत्ति पर कोई बंधक या ऋण (loan/charge) तो नहीं है। 30 साल का EC आमतौर पर सबसे भरोसेमंद होता है।
5. खाता/म्यूटेशन प्रमाण पत्र और प्रॉपर्टी टैक्स
राजस्व रिकॉर्ड (Mutation) में मालिक का नाम दर्ज होना चाहिए और प्रॉपर्टी‑टैक्स अद्यतन होने चाहिए—अन्यथा भविष्य में कानूनी दिक्कत हो सकती है।
6. बिल्डर का ट्रैक रिकॉर्ड और पूरी हुई परियोजनाएँ
बिल्डर के पिछले प्रोजेक्ट्स समय पर पूरे हुए हैं या नहीं, कितनी परियोजनाएँ अधूरी रही हैं—यह जाँचें। विश्वसनीय बिल्डर ही सुरक्षा का आश्वासन दे सकते हैं।
7. स्वीकृत भवन नक्शा और ऑक्यूपेंसी/कम्प्लीशन सर्टिफिकेट
नगर निगम/विकास प्राधिकरण से Approved Building Plan और निर्माण पूरा होने पर Completion Certificate व Occupancy Certificate (OC) प्राप्त होना अनिवार्य है। इनके बिना निर्माण अवैध माना जा सकता है और प्राधिकरण ध्वस्तीकरण कर सकता है।
8. CERSAI जाँच – छिपे हुए कर्ज का पता लगाएँ
CERSAI पोर्टल पर सार्वजनिक अन्वेषण (Public Search ) विकल्प में जाकर संपत्ति का विवरण, नंबर डालकर देखें कि संपत्ति कहीं बैंक/फाइनेंसर के पास गिरवी तो नहीं है—यह जानकारी EC में हमेशा नहीं मिलती। https://www.cersai.org.in
9. RERA पंजीकरण और सत्यापन
फ्लैट/प्रोजेक्ट खरीद रहे हैं तो RERA पोर्टल पर प्रोजेक्ट का रजिस्ट्रेशन, लेआउट और बिल्डर‑डिटेल्स चेक करें। अनरजिस्टरड प्रोजेक्ट में निवेश जोखिम भरा होता है।
10. सही कीमत का आकलन
सरकारी सर्किल रेट और स्थानीय बाजार दरों की तुलना ज़रूर करें। बहुत कम कीमत अक्सर संदिग्ध होती है—धोखाधड़ी, विवाद या काला धन होने की संभावना रहती है।
11. संभावित धोखाधड़ी से बचाव
- दोहरी बिक्री (Double Sale): एक ही प्रॉपर्टी को अलग‑अलग लोगों को बेचना। सब‑रजिस्ट्रार और EC से पुष्टि करें।
- फर्जी दस्तावेज़: असली स्टाम्प पेपर पर नकली डीड बनाना भी आम है—सत्यापित कॉपी और वकील से क्रॉस‑चेक कराएँ।
- कानूनी वारिस विवाद: वारिसों की सहमति और NOC देखें।
- किरायेदार कब्ज़ा: लंबे समय से किरायेदार हों तो vacant possession के कागजात लें।
- फील्ड विज़िट: मौके पर जाकर सीमाएँ, रास्ते और पड़ोसियों से सत्यापन करें।
12. होम लोन लें – सुरक्षा का अतिरिक्त आश्वासन
चाहे आप पूरी रकम दे सकते हों, बैंक से छोटा‑सा होम लोन लेने पर विचार करें। बैंक की ड्यू‑डिलिजेंस प्रक्रिया आपके लिए एक अतिरिक्त सुरक्षा की परत बनती है।
बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
- Q1. क्या OC ज़रूरी है?
- हाँ। OC यह दर्शाता है कि भवन सभी सुरक्षा मानकों के अनुरूप है और रहने योग्य है।
- Q2. EC से पूरी सुरक्षा मिलती है क्या?
- EC जरूरी है पर CERSAI, सब‑रजिस्ट्रार और वकील की जांच भी आवश्यक है।
- Q3. क्या बिना RERA के प्रोजेक्ट में निवेश सुरक्षित है?
- नहीं। RERA‑रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता और सुरक्षा अधिक होती है।