क्या आप जानते हैं कि सिर्फ ₹1.50 लाख हर साल पी पी एफ योजना में निवेश करके आप 25 साल बाद करोड़पति बन सकते हैं? और सबसे खास बात – यह पूरा पैसा टैक्स-फ्री होगा, क्योंकि मौजूदा नियमों के अनुसार PPF को पूरी तरह EEE (Exempt-Exempt-Exempt) टैक्स स्टेटस प्राप्त है।
पी पी एफ में निवेश कर कितना मिलेगा?
- 15 साल बाद – लगभग ₹40.68 लाख
- 20 साल बाद – लगभग ₹66.58 लाख
- 25 साल बाद – लगभग ₹1.03 करोड़+
(गणना 7.1% की मौजूदा ब्याज दर पर आधारित है और यह दर समय-समय पर सरकार द्वारा बदली जा सकती है।)
🔑 क्यों खास है यह योजना?
- 100% सुरक्षित: सरकार की गारंटी
- पूरी तरह टैक्स-फ्री: निवेश, ब्याज और मैच्योरिटी — सब EEE स्टेटस में
- कम्पाउंडिंग का जादू: हर साल की शुरुआत में निवेश करने से ब्याज ज्यादा मिलता है
- अनुशासन: पूरे समय तक निवेश बनाए रखने से धन तेजी से बढ़ता है
पी पी एफ स्कीम के प्रमुख फीचर्स
- न्यूनतम जमा: खाता खोलने और हर वित्त वर्ष में कम से कम ₹500 जमा करना अनिवार्य है।
- अधिकतम जमा: एक वित्त वर्ष में अधिकतम ₹1,50,000 तक जमा किया जा सकता है।
- पात्रता: कोई भी निवासी भारतीय (या नाबालिग के लिए अभिभावक) PPF खाता खोल सकता है।
- अवधि और विस्तार: खाता 15 साल में मैच्योर होता है; इसके बाद 5–5 साल के ब्लॉक्स में बढ़ाया जा सकता है।
- ब्याज गणना: ब्याज मासिक आधार पर (हर महीने की 5 तारीख के बाद की न्यूनतम शेष राशि पर) कैलकुलेट होकर साल के अंत में क्रेडिट होता है।
- लोन सुविधा: लोन लिया जा सकता है दूसरे वित्तीय वर्ष से लेकर पाँचवें वित्तीय वर्ष के अंत तक।
- आंशिक निकासी: पाँच वित्त वर्ष पूरे होने के बाद, यानी 6th वित्तीय वर्ष से, साल में एक बार आंशिक निकासी कर सकते हैं।
- नामांकन: खाता खोलते समय या बाद में नॉमिनी जोड़ा जा सकता है।
- कर लाभ: निवेश, ब्याज और परिपक्वता राशि पूरी तरह टैक्स-फ्री (EEE स्टेटस)।
निष्कर्ष
अगर आप सुरक्षित, गारंटीड और टैक्स-फ्री निवेश विकल्प की तलाश में हैं, तो PPF आपके लिए सबसे बेहतरीन योजना है। थोड़ी-सी अनुशासन के साथ, आप लंबे समय में करोड़पति बन सकते हैं।
यह भी देखें : पी पी एफ़ ब्याज दर
📌 अस्वीकरण (Disclaimer)
यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से है। इसमें बताए गए आंकड़े वर्तमान ब्याज दर 7.10% प्रति वर्ष और मौजूदा आयकर कानूनों पर आधारित हैं।
भविष्य में ब्याज दर या कर नियमों में बदलाव हो सकता है। निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार या सरकारी अधिसूचनाओं की जांच अवश्य करें।