भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने डिजिटल भरोसा और सुरक्षा मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। अब भारत में बैंक और नॉन-बैंकिंग वित्तीय संस्थानों को अलग-अलग सुरक्षित इंटरनेट डोमेन दिए जा रहे हैं – ‘.bank.in’ (बैंकों के लिए) और ‘.fin.in’ (गैर-बैंक वित्तीय संस्थानों के लिए)।
डोमेन किसी वेबसाइट का इंटरनेट पर पता (Address) होता है, जिससे यूज़र उस वेबसाइट तक आसानी से पहुँच पाते हैं।
यह बदलाव क्यों ज़रूरी है?
अभी ज़्यादातर बैंक “.com” या “.in” डोमेन का इस्तेमाल करते हैं। धोखेबाज़ लोग नकली वेबसाइट बनाकर ग्राहकों से पासवर्ड और OTP चुरा लेते हैं। उदाहरण के लिए – mybank-login.com या secure-bankindia.in।
RBI ने साफ किया है कि केवल लाइसेंस प्राप्त बैंक और विनियमित वित्तीय संस्थान ही इन नए डोमेन्स का इस्तेमाल कर पाएंगे, जिससे असली और नकली वेबसाइट में फर्क करना आसान होगा।
रोलआउट प्लान
- अप्रैल 2025 – ‘.bank.in’ डोमेन रजिस्ट्रेशन शुरू।
- 31 अक्टूबर 2025 – सभी बैंकों को नए डोमेन पर शिफ्ट होना ज़रूरी।
- रजिस्ट्रार – IDRBT (Institute for Development and Research in Banking Technology) रजिस्ट्रेशन मैनेज करेगा।
कुछ प्रमुख बैंक जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, केनरा बैंक और कई अन्य बैंक पहले ही bank.in डोमेन पर स्थानांतरित हो चुके हैं। कई बैंकों ने ग्राहकों के लिए बदलाव को आसान बनाने हेतु अपनी वेबसाइटों को .bank.in डोमेन पर स्थानांतरित करना भी शुरू कर दिया है।
ग्राहकों को क्या फायदा होगा?
- तुरंत भरोसा – अगर साइट का अंत .bank.in या .fin.in से हो रहा है तो वह असली है।
- धोखाधड़ी के जोखिम को कम करना – स्कैमर्स आसानी से इन डोमेन्स की नकल नहीं कर पाएंगे।
- डिजिटल पेमेंट में आत्मविश्वास – ग्राहक बेझिझक ऑनलाइन ट्रांज़ैक्शन करेंगे।
- ग्लोबल-स्टैंडर्ड सुरक्षा – भारत अब उन देशों में शामिल होगा, जहाँ बैंकिंग के लिए स्पेशल डोमेन हैं।
क्या करें — 5 कदम
- हमेशा डोमेन चेक करें – देखें कि वेबसाइट का अंत .bank.in या .fin.in से हो रहा हो।
- URL खुद टाइप करें – संदिग्ध ईमेल या SMS के लिंक पर क्लिक न करें।
- ताला (🔒) निशान देखें – ब्राउज़र एड्रेस बार में HTTPS और ताले का चिन्ह जरूर देखें।
- संवेदनशील जानकारी शेयर न करें – OTP, पासवर्ड या कार्ड डिटेल कभी न बताएं।
- संदेहास्पद साइट रिपोर्ट करें – तुरंत अपने बैंक या साइबर हेल्पलाइन 1930 को सूचना दें।
RBI की बड़ी साइबर सुरक्षा रणनीति का हिस्सा
यह कदम RBI की साइबर सुरक्षा रणनीति का हिस्सा है। इसमें अंतर्राष्ट्रीय कार्ड ट्रांज़ैक्शन के लिए अतिरिक्त OTP, कार्ड टोकनाइजेशन और डिजिटल लेंडिंग ऐप्स पर कड़े नियम भी शामिल हैं।
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निष्कर्ष
.bank.in और .fin.in डोमेन ग्राहकों को असली वेबसाइट पहचानने में मदद करेंगे और ऑनलाइन फ्रॉड से सुरक्षा देंगे। जैसे-जैसे भारत कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ रहा है, यह कदम ऑनलाइन लेनदेन को और सुरक्षित व भरोसेमंद बनाएगा।
हर ग्राहक और उपयोगकर्ता को इन बदलावों की जानकारी होना ज़रूरी है, क्योंकि साइबर फ्रॉड से बचाव का पहला कदम जागरूक रहना है।
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🔒 अस्वीकरण: यह लेख केवल जानकारी के उद्देश्य से है। कृपया आधिकारिक RBI नोटिफिकेशन और अपने बैंक की अपडेट्स पर भरोसा करें।
समय के साथ साथ अद्यतन उपयोगी जानकारी प्रदान कराने वाले विद्वान लेखक श्री नवीन टेहरी जी ने सर्वोपयोगी जानकारी को अत्यंत सरल एवं सुबोध भाषा के साथ सार संक्षेप स्वरूप में प्रस्तुत किया है। आज के युग में हम सभी कहीं न कहीं रोजाना डिजिटल लें दें अथवा जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट का उपयोग करते हैं। वित्तीय धोखाधड़ी एवं इंटरनेट के उपयोग में जोखिम को कम करने के लिए भारत सरकार एवं आर बी आई ने सराहनीय पहल की है, जिसका श्री टेहरी जी ने हम सभी से परिचय कराया है।